भारत के भूजल संकट को खत्म करने के लिए अटल भूजल योजना: एक समुदाय आधारित अभिनव कार्यक्रम जो हमारे जल संसाधनों को सुरक्षित बना रहा है

अटल भूजल योजना भारत सरकार द्वारा 25 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश के भूजल संकट का समाधान करना है। यह केंद्रीय क्षेत्रीय योजना है, जिसकी कुल लागत 6000 करोड़ रुपये है और यह समुदाय आधारित सतत भूजल प्रबंधन को बढ़ावा देती है। इस योजना का मुख्य फोकस समुदाय स्तर पर भागीदारी और व्यवहार में बदलाव लाकर जल की मांग को नियंत्रित करना है

भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है, जहां लगभग 62% सिंचाई और 85% ग्रामीण पेयजल भूजल पर निर्भर है। ऐसे में अटल भूजल योजना जल संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो भूजल की अदृश्यता को हटाकर समुदायों को बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाती है। यह योजना विभिन्न चल रही योजनाओं के साथ समन्वय कर जल संसाधनों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करती है

अटल भूजल योजना का क्रियान्वयन और लाभान्वित राज्य

अटल भूजल योजना को भारत के सात जल-संकटग्रस्त राज्यों में लागू किया गया है: गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश। योजना के तहत लगभग 8,562 ग्राम पंचायतों को कवर किया गया है, जो 80 जिलों में फैली हैं। इन राज्यों का चयन भूजल के अत्यधिक दोहन, कानूनी और संस्थागत तैयारियों के आधार पर किया गया है।

इस योजना के अंतर्गत जल उपयोगकर्ता संघों का गठन किया जाता है, जो भूजल डेटा की निगरानी, जल बजट बनाना और जल सुरक्षा योजनाओं की तैयारी में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर जल उपयोगकर्ता संघों में कम से कम 33% महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य है। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें: https://ataljal.mowr.gov.in।

अटल भूजल योजना में वित्तीय सहायता और विश्व बैंक की भूमिका

atal bhujal yojana
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अटल भूजल योजना की वित्तीय संरचना में भारत सरकार और विश्व बैंक समान रूप से 6000 करोड़ रुपये की कुल लागत में योगदान करते हैं। विश्व बैंक ने इस योजना को जून 2018 में मंजूरी दी थी और इसे प्रोग्राम फॉर रिजल्ट्स (PforR) नामक नई वित्तीय व्यवस्था के तहत वित्तपोषित किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत धनराशि परिणामों के आधार पर राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाती है।

योजना के दो मुख्य घटक हैं: संस्थागत सुदृढ़ीकरण एवं क्षमता निर्माण (1400 करोड़ रुपये) और प्रोत्साहन घटक (4600 करोड़ रुपये) जो राज्यों को प्रोत्साहित करता है। योजना का कार्यकाल 2020-21 से 2024-25 तक है। इस योजना के माध्यम से लगभग 8350 ग्राम पंचायतों में समुदाय की भागीदारी से भूजल प्रबंधन में सुधार लाया जाएगा। योजना के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट देखें: https://jalshakti-dowr.gov.in/atal-bhujal-yojana/

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