महात्मा गांधी नरेगा योजना: ग्रामीण भारत के लिए नया जीवन! 2025 में बढ़े मजदूरी दर और 100 दिन के रोजगार गारंटी की पूरी जानकारी

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण भारत के लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। यह योजना ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्यों को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार प्रदान करती है, जिससे उनकी आजीविका सुरक्षा में वृद्धि होती है। 5 मई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, पूरे भारत में 25.48 करोड़ से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनमें से 13.22 करोड़ सक्रिय श्रमिक हैं।

इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी संपत्ति का निर्माण भी किया जाता है, जैसे सड़कें, नहरें, तालाब और कुएं। मनरेगा का उद्देश्य न केवल रोजगार प्रदान करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, ग्रामीण-शहरी प्रवासन को कम करना और सामाजिक समानता को बढ़ावा देना भी है। इस लेख में, हम महात्मा गांधी नरेगा योजना के बारे में नवीनतम अपडेट और इसके कार्यान्वयन की स्थिति की जानकारी प्रदान करेंगे।

मनरेगा योजना के लाभ और विशेषताएं: जानें क्या है इस योजना का महत्व

mahatma gandhi nrega yojana
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महात्मा गांधी नरेगा योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है। इस योजना के तहत, हर ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्य जो अकुशल शारीरिक कार्य करने के इच्छुक हैं, उन्हें एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार प्रदान किया जाता है। यदि काम मांगने के 15 दिनों के भीतर रोजगार प्रदान नहीं किया जाता है, तो आवेदकों को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है

इस योजना के अंतर्गत, श्रमिकों को उनके निवास से 5 किलोमीटर के भीतर काम दिया जाना चाहिए और उन्हें न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए। जॉब कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो श्रमिकों के अधिकारों को दर्ज करता है और उन्हें धोखाधड़ी से बचाता है। आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic.in पर जाकर आप अपना नाम और विवरण चेक कर सकते हैं और नरेगा जॉब कार्ड लिस्ट 2025-2026 डाउनलोड कर सकते हैं।

नरेगा योजना 2025 के नवीनतम अपडेट और राज्यवार कार्यान्वयन

वर्ष 2025 में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत नई राज्यवार मजदूरी दरें मार्च महीने में जारी की गई हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, मिजोरम में सबसे अधिक 89.94% सक्रिय श्रमिक हैं, जबकि लक्षद्वीप में केवल 1.13% श्रमिक सक्रिय हैं। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी क्रमशः 77.91% और 83.54% सक्रिय श्रमिकों के साथ योजना का कार्यान्वयन मजबूत है।

केंद्र सरकार ने मनरेगा वार्षिक मास्टर सर्कुलर 2024-25 जारी किया है, जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष के लिए योजना के कार्यान्वयन का विस्तृत विवरण दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने भी घोषणा की है कि मनरेगा का मूल उद्देश्य स्थायी उत्पादक संपत्ति का निर्माण करके गारंटीशुदा मजदूरी रोजगार प्रदान करना है। हरियाणा में, इस योजना का वित्तपोषण केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 90:10 के अनुपात में प्रदान किया जाता है।

अधिक जानकारी के लिए, आप आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic.in, nregaplus.nic.in या अपने राज्य की विशिष्ट वेबसाइट जैसे mahaegs.maharashtra.gov.in (महाराष्ट्र), haryanarural.gov.in (हरियाणा) या mgnrega.karnataka.gov.in (कर्नाटक) पर जा सकते हैं। याद रखें, महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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