अप्रैल से जून 2025 तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की ब्याज दर 8.2% निर्धारित की गई है। यह योजना “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान का हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में लॉन्च किया गया था। यह बालिकाओं के उज्जवल भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का एक शानदार अवसर है।
सुकन्या समृद्धि योजना की पात्रता और खाता खोलने की प्रक्रिया
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत 10 वर्ष से कम आयु की बालिका के माता-पिता या कानूनी अभिभावक उसके नाम पर खाता खोल सकते हैं। एक परिवार में अधिकतम दो बालिकाओं के लिए खाते खोले जा सकते हैं। हालांकि, जुड़वा या तिगुने जन्म की स्थिति में तीन खाते खोलने की छूट है।
खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ निम्नलिखित हैं:
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र (अनिवार्य)
- माता-पिता या अभिभावक का पहचान प्रमाण (आधार कार्ड)
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
न्यूनतम जमा राशि ₹250 है और अधिकतम जमा राशि एक वित्तीय वर्ष में ₹1.5 लाख है। जमा राशि ₹50 के गुणकों में की जा सकती है। यदि किसी वर्ष न्यूनतम राशि जमा नहीं की जाती है, तो खाता डिफॉल्ट माना जाएगा और इसे नियमित करने के लिए ₹50 का जुर्माना देना होगा।
आप अपना सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी अधिकृत डाक घर या बैंक शाखा जैसे ICICI बैंक, HDFC बैंक, या बैंक ऑफ बड़ौदा में खोल सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप राष्ट्रीय बचत संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट www.nsiindia.gov.in या भारतीय डाक की वेबसाइट www.indiapost.gov.in पर जा सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना के फायदे और टैक्स लाभ

सुकन्या समृद्धि योजना के प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं:
- उच्च ब्याज दर: वर्तमान में 8.2% प्रति वर्ष की दर से ब्याज मिलता है, जो अन्य सरकारी बचत योजनाओं की तुलना में अधिक है।
- ट्रिपल टैक्स बेनिफिट: आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक के निवेश पर कर छूट, अर्जित ब्याज पर कर छूट, और परिपक्वता राशि पर भी कर छूट मिलती है।
- परिपक्वता अवधि: खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष तक या 18 वर्ष की आयु के बाद बालिका के विवाह तक, जो भी पहले हो।
- आंशिक निकासी: बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए खाते में जमा राशि का 50% तक निकाला जा सकता है।
- समय से पहले बंद करने की सुविधा: विशेष परिस्थितियों में, जैसे खाताधारक की मृत्यु या 18 वर्ष की आयु के बाद विवाह के लिए, खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के 10 साल पूरे होने पर, इसके अंतर्गत देश भर में 4.1 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। यह योजना न केवल बालिकाओं के शैक्षिक और वित्तीय सशक्तिकरण में मदद करती है, बल्कि माता-पिता को अपनी बेटियों के भविष्य के लिए दीर्घकालिक बचत करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।
खाता अपने शहर के आसपास में स्थानांतरित किया जा सकता है और 10 वर्ष की आयु के बाद बालिका स्वयं इसे संचालित कर सकती है। 15 वर्षों तक नियमित निवेश के बाद, खाता परिपक्वता तक बिना किसी अतिरिक्त जमा के जारी रहेगा।
बालिका के सुनहरे भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि योजना एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश विकल्प है, जो उसके शिक्षा और विवाह के खर्चों को आसान बनाने में मदद करेगा।